जौनपुर (AS TRUSTED NEWS डेस्क):
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. गोरखनाथ पटेल ने मंगलवार को विकास खंड बदलापुर और महराजगंज के परिषदीय विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान शिक्षा व्यवस्था में कई गड़बड़ियां सामने आईं। निरीक्षण का उद्देश्य छात्र नामांकन, विद्यालय का शैक्षिक और भौतिक परिवेश तथा शासन की योजनाओं की स्थिति की समीक्षा करना था।
सबसे पहले बीएसए सुबह 8:05 बजे पीएम श्री विद्यालय मुरादपुर कोटिला पहुंचे। यहां उन्होंने विद्यालय की प्रार्थना सभा में भाग लिया, जिसमें शिक्षिका गर्विता सिंह उपस्थित रहीं। निरीक्षण के दौरान अन्य शिक्षक जैसे राजेश कुमार सिंह (प्रधानाध्यापक), राहुल कुमार सिंह (सहायक अध्यापक), प्रेमलता (शिक्षामित्र), प्रियंवदा उपाध्याय (शिक्षामित्र) और विनोद यादव (स्पेशल एजुकेटर) बिना सूचना के अनुपस्थित पाए गए।
बाद में प्रधानाध्यापक और एक अन्य शिक्षक क्रमश: 8:35 और 8:25 बजे पहुंचे, लेकिन देरी का कोई ठोस कारण नहीं बताया गया। बीएसए ने विद्यालय को प्राप्त 50,000 रुपये की कंपोजिट धनराशि के खर्च का ब्यौरा मांगा, परंतु प्रधानाध्यापक कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं कर सके। उपस्थिति पंजिका में भी अनियमितता पाई गई। प्रधानमंत्री पोषण योजना के अंतर्गत भोजन ग्रहण करने वाले छात्रों की संख्या और वास्तविक उपस्थिति में अंतर पाया गया।
विद्यालय का भौतिक परिवेश साफ तो मिला, लेकिन रंगाई-पुताई नहीं की गई थी। बीएसए ने इस पर नाराजगी जताई। साथ ही, विद्यालय में बन रहा पीएम श्री भवन मानक के अनुसार नहीं पाया गया। बीएसए ने प्रधानाध्यापक का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया और भवन की गुणवत्ता जांच के लिए जिला समन्वयक (निर्माण) को जांच अधिकारी नियुक्त किया।
इसके अलावा, अन्य अनुपस्थित शिक्षकों का भी उस दिन का वेतन और मानदेय रोकते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। बीएसए ने सभी शिक्षकों को समय से विद्यालय पहुंचने, अभिभावकों से संपर्क स्थापित कर बच्चों को नियमित विद्यालय भेजने, और नामांकन बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
इसी कड़ी में बीएसए ने प्राथमिक विद्यालय रूपचंदपुर का निरीक्षण सुबह 8:45 बजे किया। यहां सभी शिक्षक उपस्थित मिले, लेकिन 66 नामांकित छात्रों में केवल 16 ही स्कूल में मौजूद थे। 25,000 रुपये की ग्रांट में से 20,900 रुपये खर्च किए गए, लेकिन रजिस्टर अद्यतन नहीं था। विद्यालय की रंगाई-पुताई, खेलकूद सामग्री, टैबलेट उपयोग आदि में भी कमियां पाई गईं।
बीएसए ने संबंधित प्रधानाध्यापक और कर्मचारियों को नोटिस जारी करते हुए घर-घर जाकर नामांकन से वंचित बच्चों की पहचान करने और उन्हें विद्यालय से जोड़ने के निर्देश दिए हैं।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के इस निरीक्षण से यह साफ हो गया है कि विद्यालयों में अभी भी लापरवाही और व्यवस्था की कमी बनी हुई है। इस पर कार्रवाई करके शिक्षा व्यवस्था में सुधार की उम्मीद की जा रही है।