गौराबादशाहपुर: पशु चोरी की घटनाओं से दहशत, पुलिस की निष्क्रियता पर उठे सवाल

आशीष श्रीवास्तव
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गौराबादशाहपुर, जौनपुर: रामपुर दलित बस्ती में सोमवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जब मनोज कुमार की तीन भैंसें उनके घर के बाहर खूंटे से बंधी थीं, जिन्हें चोर पिकअप पर लादकर उठा ले गए। इस घटना ने पूरे इलाके के पशुपालकों में दहशत फैला दी है। ग्रामीणों के अनुसार, रामपुर बाजार के तिराहे पर आमतौर पर दो पुलिसकर्मी रात में ड्यूटी पर तैनात रहते हैं, लेकिन चोरी की रात वहां कोई भी पुलिसकर्मी नहीं था। 


तिराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में दिखा कि रात 1:24 बजे एक पिकअप भैंसों को लादकर जौनपुर की ओर जाती नजर आई। इस घटना के बावजूद एक सप्ताह बीतने के बाद भी मीरगंज पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है, जिससे स्थानीय लोगों में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।


मीरगंज में दूसरी घटना:

जंघई क्षेत्र के रामपुर खुर्द में 6 नवंबर की रात को समाचार पत्र विक्रेता वंशराज सिंह गौतम की तीन भैंसें भी उनके घर के बाहर से चोरी हो गईं, जिनकी कीमत करीब 2.5 लाख रुपये आंकी गई है। इस घटना से भी पुलिस की निष्क्रियता उजागर हो रही है, क्योंकि एक सप्ताह बीतने के बाद भी न तो पुलिस ने भैंसों को ढूंढने का प्रयास किया और न ही प्राथमिक सूचना दर्ज की है।


पिछली घटनाओं से ग्रामीण सतर्क:  

इससे पहले भी किशुनदासपुर के श्री यादव और देवापुर के रघुराज प्रजापति की भैंसें चोरी करने का प्रयास किया गया था, लेकिन ग्रामीणों की सतर्कता से तस्कर भैंसें छोड़कर भाग गए थे। लगातार हो रही इन घटनाओं ने पशुपालकों में भय का माहौल पैदा कर दिया है, जो भैंसों को अपनी आजीविका का मुख्य स्रोत मानते हैं।


पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल:  

पशु चोरी की इन घटनाओं से न केवल स्थानीय लोगों का आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि उनकी आजीविका भी प्रभावित हो रही है। क्षेत्र के पशुपालकों ने पुलिस से तुरंत कार्रवाई की मांग की है ताकि चोरों को पकड़ा जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस को इन घटनाओं की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।

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