शाहगंज, जौनपुर पुलिस अभिरक्षा में एक राजगीर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, जिससे जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। घटना कोतवाली के शौचालय में हुई, जहां मृतक का शव लटकता मिला।
मृतक की पहचान 52 वर्षीय मटरु बिंद पुत्र सहदेव बिंद के रूप में हुई है, जो बड़ौना के निवासी थे। पुलिस के अनुसार, मटरु को टप्पेबाजी के आरोप में शुक्रवार शाम को पीड़ित द्वारा कोतवाली पुलिस को सौंपा गया था। पीड़ित, जमीर अहमद, ने बताया कि वह बुधवार को दिल्ली से कमाकर कैफियत एक्सप्रेस ट्रेन से लौटे थे। रास्ते में दो व्यक्तियों ने बाइक पर बैठा लिया और उसके 35 हजार रुपए नकद और बैग लेकर फरार हो गए।
शुक्रवार को जमीर ने मटरु को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। जानकारी के अनुसार, मटरु को शाम करीब 7:44 बजे शौचालय में भेजा गया। जब वह 8:30 बजे तक बाहर नहीं आया, तो पहरेदार ने जांच की, तब पता चला कि वह शौचालय की खिड़की से गत्ता बांधने वाली प्लास्टिक की रस्सी से लटककर आत्महत्या कर चुका है।
हालांकि, पड़ोसियों का कहना है कि इस समय बगल के गांव बड़ा गांव में भरत मिलाप का आयोजन था, और मटरु के रिश्तेदार घर आए थे। वह सामान लेने बाजार गया था, लेकिन लौटकर घर नहीं पहुंचा।
पुलिस अधीक्षक डा. अजय पाल शर्मा ने बताया कि मटरु ने शौचालय में आत्महत्या की है। वहीं, क्षेत्राधिकारी अजीत सिंह चौहान ने कहा कि मटरु की इकलौती बेटी पूजा का विवाह होने वाला था, और हो सकता है कि इस दबाव में मटरु ने ऐसा कदम उठाया हो।
हालांकि, पुलिस की आत्महत्या की थ्योरी पर सवाल उठ रहे हैं। साढ़े पांच फुट की खिड़की से झूलकर आत्महत्या करने की बात ग्रामीणों के गले नहीं उतर रही है। साथ ही, रात साढ़े आठ बजे से सुबह दस बजे तक घटना की सूचना परिजनों को नहीं दी गई। शव को पुलिस ने रात में ही जौनपुर भेज दिया था, और परिजनों से बात नहीं हो पा रही है क्योंकि पुलिस उन्हें अपने साथ रखी है।
इस घटना से ग्रामीण बेहद गुस्से में हैं, और मिलनसार मटरु की मौत से गांव में शोक का माहौल है। ग्रामीण न्याय की मांग कर रहे हैं, और मामले की निष्पक्ष जांच की अपील कर रहे हैं।