जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र की सख्त कार्रवाई, 27 वर्षों बाद फर्जी वसीयतनामा से हुआ नामांतरण रद्द, रामरूप पाण्डेय का हक बहाल

आशीष श्रीवास्तव
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शाहगंज, जौनपुर ग्राम सलेमपुर, परगना अंगुली के निवासी *रामरूप पाण्डेय पुत्र नगेस्सर पाण्डेय ने जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र के समक्ष एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि *रामदवर पुत्र जोखन* ने 08 फरवरी 1996 को एक फर्जी व खुश्की वसीयतनामा के आधार पर उन्हें मृतक दिखाते हुए उनके नाम की जमीन का नामांतरण करवा लिया था। 



इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी ने तत्काल कार्यवाही का आदेश दिया। उन्होंने तहसीलदार न्यायिक शाहगंज को ग्राम सलेमपुर में एक खुली बैठक आयोजित कर, फर्जी वसीयतनामा के आधार पर किए गए नामांतरण की जांच करने के निर्देश दिए।


खुली बैठक में हुई पुष्टि  

तहसीलदार न्यायिक शाहगंज ने ग्राम सलेमपुर में एक खुली बैठक का आयोजन किया, जिसमें वर्तमान ग्राम प्रधान, पूर्व प्रधान, जिला पंचायत सदस्य और अन्य ग्रामीण मौजूद थे। बैठक के दौरान सभी ने रामरूप पाण्डेय की पहचान की और उनके जीवित होने की पुष्टि की। 


फर्जी नामांतरण आदेश हुआ निरस्त  

खुली बैठक में प्राप्त साक्ष्यों और सभी तथ्यों का गहन अध्ययन करने के बाद, तहसीलदार न्यायिक शाहगंज ने फर्जी वसीयतनामा के आधार पर 08 फरवरी 1996 को पारित नामांतरण आदेश को निरस्त कर दिया। इसके साथ ही, रामरूप पाण्डेय का नाम पुनः जमीन के दस्तावेजों में दर्ज कर दिया गया।

जिलाधिकारी की त्वरित कार्यवाही  

जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र द्वारा इस मामले में त्वरित निर्णय लेते हुए तहसीलदार को जांच के आदेश दिए गए, जिससे पीड़ित को न्याय मिला और फर्जी तरीके से किए गए नामांतरण को निरस्त किया जा सका। 



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