जफराबाद, जौनपुर
स्थानीय थाने पर रविवार को आयोजित समाधान दिवस पर अचानक जिलाधिकारी दिनेश चंद्र के पहुंचते ही फरियादियों में उम्मीद की किरण जाग उठी। जिलाधिकारी के सामने आते ही एक 15 वर्षों से लंबित 14 बीघा जमीन के विवाद को सुलझाने की प्रक्रिया तेज हो गई।
राजेपुर गांव का चर्चित विवाद
यह मामला राजेपुर गांव के चार भाइयों—श्रीपत यादव, रामपत यादव, लालबहादुर यादव और विजय बहादुर यादव—के बीच का था। इन भाइयों के बीच मुंबई की कुछ संपत्तियों को लेकर शुरू हुआ झगड़ा इतना बढ़ गया कि गांव की 14 बीघा जमीन पिछले 15 सालों से परती पड़ी रही। जब यह मामला समाधान दिवस पर सामने आया, तो थानाप्रभारी जयप्रकाश यादव और कानूनगो रामविशाल इस पर सुनवाई कर रहे थे।
डीएम का हस्तक्षेप
जिलाधिकारी दिनेश चंद्र ने मामले की गंभीरता को देखते हुए चारों भाइयों को बुलाया और उन्हें काफी देर तक समझाने का प्रयास किया। डीएम के निरंतर समझाने के बाद चारों भाइयों ने आपस में सुलह करते हुए जमीन का नक्सा बनाकर मौके पर ही गोटी डालकर समझौता कर लिया। इस समझौते के बाद वर्षों से लंबित विवाद का निस्तारण हो सका, जो चर्चा का विषय बन गया है।
महरुपुर गांव का जमीनी विवाद
समाधान दिवस पर दूसरा मामला महरुपुर गांव का था, जहां राजमणि चौहान और सुमित चौहान के बीच जमीन और घर को लेकर विवाद चल रहा था। जिलाधिकारी ने इस मामले को भी गंभीरता से लिया और दोनों पक्षों को समझाकर विवाद सुलझाया। डीएम ने आदेश दिया कि दोनों पक्ष जमीन को आधा-आधा जोतें और राजमणि को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिला आवास बनाने के निर्देश दिए।
जमीनी विवादों का समाधान
समाधान दिवस के बाद थानाप्रभारी जयप्रकाश यादव ने एसआई धनुषधारी पाण्डेय के साथ मौके पर जाकर डीएम के आदेश का अनुपालन करवाया, जिससे संबंधित विवादों का निस्तारण हुआ।
जिलाधिकारी द्वारा इतने पुराने विवादों का निस्तारण ग्रामीणों में सराहनीय कदम के रूप में देखा जा रहा है।