उत्तर प्रदेश प्राचार्य परिषद की गुहार: 34 माह से जूझ रहे प्राचार्यों की समस्याओं का समाधान करें सरकार

आशीष श्रीवास्तव
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उत्तर प्रदेश सरकार की पारदर्शी मंशा के अनुरूप, वर्ष 2019 में विज्ञापन संख्या 49 के तहत उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, प्रयागराज द्वारा प्रदेश के विभिन्न अनुदानित अशासकीय महाविद्यालयों में प्राचार्य पद के लिए चयन प्रक्रिया आयोजित की गई। लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के उपरांत अक्टूबर 2021 में कुल 290 प्राचार्यों की नियुक्ति की गई। लेकिन, इन प्राचार्यों के कार्यकाल के 34 माह बीतने के बाद भी उन्हें कई कष्टप्रद परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।


प्राचार्य परिषद ने उच्च अधिकारियों और माननीय उच्च शिक्षा मंत्री के समक्ष बार-बार अपनी समस्याओं को रखा, लेकिन अभी तक किसी समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में प्रबंध तंत्र द्वारा अवैध नोटिस, निलंबन, बर्खास्तगी और इस्तीफे के लिए प्राचार्यों पर दबाव डालने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जो कि अत्यंत चिंताजनक स्थिति है। हाल ही में अगस्त माह में ही गाजियाबाद और ललितपुर के प्रतिष्ठित महाविद्यालयों में प्राचार्यों को निलंबित किया गया।


अब तक लगभग 100 से अधिक प्राचार्य विभिन्न समस्याओं और प्रबंधकों के मनमानेपन के कारण त्यागपत्र देकर अपने मूल पद पर लौट चुके हैं। प्राचार्य परिषद का आग्रह है कि उत्तर प्रदेश सरकार अविलंब उनकी समस्याओं का समाधान करे। प्राचार्य समुदाय को विश्वास है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व में सरकार उनकी समस्याओं का निराकरण कर उन्हें संरक्षण प्रदान करेगी। 


अतः, सभी अनुदानित अशासकीय महाविद्यालयों के चयनित प्राचार्यगण अपनी पीड़ा और समस्याओं का शीघ्र निस्तारण किए जाने की महती कृपा की अपील करते हैं।

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