उत्तरप्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (नवीन) के प्रांतीय अध्यक्ष धर्मेंद्र यादव ने पूरे देश के लाखों शिक्षक कर्मचारियों, अधिकारियों, तथा पैरामिलिट्री फोर्स के भविष्य से जुड़ी दशकों से लंबित पुरानी पेंशन बहाली को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कैबिनेट द्वारा लिए गए एकीकृत पेंशन योजना (यूनिफाइड पेंशन स्कीम अर्थात यूपीएस) के निर्णय ने शिक्षकों और कर्मचारियों को निराश किया है।
धर्मेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल नहीं कर रही है क्योंकि यह विपक्ष का मुद्दा बन चुका है। उन्होंने कहा, "सरकार को डर है कि हम पेंशन बहाल करें और उसका फायदा विपक्ष उठाए। विपक्षियों द्वारा उठाए गए मुद्दों को लागू करने में सरकार को एलर्जी है।"
उन्होंने आगे कहा कि 1 जनवरी 2004 से एनपीएस लागू करके केंद्र-राज्य सरकार के मंत्री और विधायक इसे बेहतर बताने में लगे थे, लेकिन अब एकीकृत पेंशन योजना के रूप में सरकार ने एक नया झुनझुना थमा दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा, "हमें हमारी पुरानी पेंशन चाहिए, सरकार इसे बहाल करे, जो बहुत अच्छी हो, वह आप माननीय लोग ले लीजिए।"
अपनी मांगों को दोहराते हुए प्रांतीय अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि पुरानी पेंशन योजना से कम कुछ भी स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने आठवें वेतन आयोग का गठन, कैशलेस चिकित्सा सुविधा, और शिक्षक कर्मचारियों के लिए समयबद्ध निस्तारण हेतु सिटीजन चार्टर लागू करने की भी मांग की।
अंत में, धर्मेंद्र यादव ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव का परिणाम सभी दलों को शिक्षक कर्मचारी एवं अधिकारियों के महत्व का एहसास कराएगा।
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