अम्बेडकर नगर।अंततः रिश्वतखोर लेखपाल एंटी करप्शन टीम के हाथों दस हजार रुपए रिश्वत लेते पकड़ा गया। भीटी क्षेत्र के तहसील क्षेत्र सेमरी, खंडहरा, महरुआ, नरसिंहदासपुर आदि क्षेत्रों में पिछले पांच वर्षों से अपने भ्रष्ट आचरण के कारण आतंक का पर्याय बने लेखपाल जितेन्द्र कुमार वर्मा को यह नहीं पता था कि उसके काले कारनामों का अंत निकट है।
शिकायतकर्ता संदीप कुमार यादव पुत्र गंगाराम यादव निवासी सैदपुर, थाना दोस्तपुर, जनपद सुल्तानपुर ने लेखपाल के खिलाफ उपजिलाधिकारी भीटी के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि खंडहरा, थाना महरुआ, तहसील भीटी में गाटा संख्या 263, 264, 265, रकबा लगभग ढाई विस्वा की बैनामा की जमीन पर निर्माण कार्य करने में पड़ोसी बाधा डाल रहे थे। पड़ोसियों ने कहा कि पहले अपनी जमीन की निशानदेही और पैमाइश करवा लें, फिर निर्माण करें।
इस मामले में उपजिलाधिकारी भीटी ने 24 जुलाई को थानाध्यक्ष महरुआ, राजस्व निरीक्षक महरुआ, और क्षेत्रीय लेखपाल को निशानदेही की आवश्यक कार्रवाई का आदेश दिया था। आदेश के बाद पीड़ित संदीप ने थाना प्रभारी और कानूनगो से संपर्क किया, जहां उन्हें बताया गया कि लेखपाल को तैयार करें, तभी निशानदेही करवाई जा सकती है। संदीप ने लेखपाल से संपर्क किया, और यहीं से रिश्वत की मांग शुरू हो गई।
लेखपाल जितेन्द्र कुमार वर्मा को एंटी करप्शन टीम ने उस वक्त पकड़ा, जब वह पीड़ित से रिश्वत के दस हजार रुपए की मांग पूरी करवा रहा था। लंबे समय से नीलगाय की तरह चरता लेखपाल अंततः कानून की पकड़ में आ ही गया।